Posts

Ignorance - A Poem

Image
  Ignorance   Are you surrounded by rascals?  Are you losing patience? Has life become unbearable? Then practise ignorance!  It will boost your patience  Develop your mental peace,  You will get surprised  To know the power of ignorance!   If you bring out the brute  Lying a sleeping in you,  Such devastation will be wrought  Coming days will be ruined by you.  If you turn your head into a mountain,  If you turn yourself into iron, Then they can use a hammer or a furnace  To hold your progression,  But ignorance will turn you deef You will be come so tough,  There will be no change in you  Let their language be so rough! Practise ignorance, imbibe it; It will make you happy  How bad may be your society. Internal peace will be there  No amount of nonsense  Not even bad behaviour  Can awake the beast in you  That is sleeping now! Read Next Poem (Something Special) Read Previous Po...

खामोशी - एक कविता। Silence - A Poem

Image
  खामोशी   क्या सोच सोचाथा मैं ऐसे होगा  कुछ ना करके दिन कटेगा?  रह पाऊंगा घर में मतदानके समय में! चारों ओर शोर  पर दिल में नहीं,  हर कोई कर रहा है काम  पर मैं नहीं। इच्छा तो है पर चाहत नहीं था  क्योंकि गलती से भरा है मतदान प्रक्रिया, ना सरकार, ना कमिशन  कोई नहीं चाहता  निर्भय होकर मतदान करें हर मतदाता। मतदान से अब मेरा उठ गया है भरोसा  अभी कुछभी नहीं है पहले जैसा, ना नेता, ना नीति  भयानक दलदल बन गया है ए राजनीति।  इसलिए ना चाहते भी में खुशहु  ए खामोशी तुझे में सलाम करता हूं। पढ़िए अगला कविता (परिणाम) पढ़िए पिछला कविता (नींद)

নিয়ম - একটি কবিতা। Rule - A Poem

Image
  নিয়ম নিয়মের বেড়াজালে মানুষ আজ আবদ্ধ  কিন্তু সকলেই জানে,  বর্তমানের নিয়মে ন্যায় আজ রুদ্ধ!  লোক দেখানো, লোক ঠকানো  কিন্তু কেনো, কেনো?  টাকা! কত টাকা চাই, বাঁচার জন্য! মানবতা ছাড়া, মানুষ হওয়া যায় না  শিক্ষা ছাড়া পরিবার, সমাজ, ও দেশ এগোতে পারে না, কিন্তু টাকার লোভ পেয়ে বসলে  মানবতা ও শিক্ষার কোন গুরুত্ব থাকে না!  উচ্চাকাঙ্ক্ষা থাকা ভালো,  কিন্তু, সঠিক নিয়মের পথে চলে  অন্য পথ নিলে পরে...  শেষ পরিণতি কি হবে  এ কথা সকলেই জানে! আর নয়, অনেক হলো  এবার তো অন্যায়ের বিরুদ্ধে গর্জে ওঠো!  মানবতাই হবে সঠিক পথ,  শিক্ষায় হবে একমাত্র উপায়,  যারাই এই দুটিকে উপেক্ষা করবে  তাদের বলো, আর নয় আর নয়! পড়ুন পরবর্তী কবিতা (প্রায়শ্চিত্ত) পড়ুন পূর্ববর্তী কবিতা (পলিসি)

Childhood Lost - A Short Story

Image
  Childhood Lost              "Play all day" - that was the life of Kakoli when she was a mere child. Kakoli lived in the village Shyamapur with her parents. It was a remote village. Except the ration dealer, none of the village had a pucca house. The villagers were decreased into poverty. Like all other children of the village, Kakoli's childhood was very happy. She used to play all day long. No work only play - that was her life. She was a sweet-looking child. Everyone of her village, even the ration dealer, liked her for her sweet appearance and too sweet voice. Whenever she saw an elder, she would run towards them and start talking. How much busy they might be, villagers preferred to talk to her.              Days passed. Kakoli was admitted to a distant school. Then she felt their poverty. A few children use to go to school in good dresses, but Kakoli and her friends wore mediocre dresses - not noticeable,...

दर्दनाक दर्द - एक शायरी। Extreme Pain - A Shayari

Image
  हूं तैयार में सहने हर दर्द  नहीं चाहिए अब मुझे किसी के मदद, हूं तैयार में सहने हर दर्द  नहीं चाहिए अब मुझे किसी के मदद, यह मेरा खुद का इम्तिहान है  हर हाल में मुझे खड़ा उतरना है। पढ़िए अगला शायरी  पढ़िए पिछला शायरी 

Endurance - A Poem

Image
  Endurance   You can't live with rascals  But you have to live,  The world is very tough  So, you have to keep patience.  It will boost your endurance  One cannot exist with the other;  And without them  No man can be greater,  So, try to imbibe them together.   Life is not smooth path, It should not be.  Then how can we know,  What we can be?  We have to endure patiently  All that will come in our way,  Then we can learn slowly  What is the correct way!   Problem comes to try us Whether we are fit for anything,  We have to keep endurance  To prove that  We deserve everything! Read Next Poem (Ignorance) Read Previous Poem(Self Help)

नींद - एक कविता। Sleep - A Poem

Image
  नींद   हर कोई है इससे परेशान  इससे प्रभावित है हर एक इंसान, आता है यह सब के पास  किसी को मिलता है चैन  कोई करता है अफसोस! बात ही है इसका अलग  इसके बिन काम नहीं करता किसीका दिमाग, अगर जीना है तो यह चाहिए  इसके बिन जिंदगी नरक बन जाता है।  24 घंटा में एक बार मुलाकात जरूरी  वरना घिरेगा एक से बढ़कर एक बीमारी,  दौड़ना पड़ेगा डॉक्टर के पास  डॉक्टर भी करेगा एइसा इलाज़,  निकल जाएगा सारा दौलत  खराब हो जाएगा हालत।  यह देखकर नींद आएगा  पूछेगा तब,  क्यों दौलत कम नहीं आया? मुझे छोड़ा दौलत कमाने, दौलत खोया मुझे पाने!  अब बताओ क्यों जी रहे हो  मुझे या दौलत से प्यार करते हो। पढ़िए अगला कविता (खामोशी) पढ़िए पिछला कविता (रास्ता)