बदलते दिन - एक कविता। Changing Time - A Poem
बदलते दिन अब मुझे लगराहा है अच्छे वक्त आने वाला है जिसका मैंने सिर्फ सपना देखा पर हासिल करने का कोई रास्ता ना था। मेरा सपनों का दिन आने वाला है बस मुझे अच्छे से तैयारी करना है। देखा था मैंने सपना एक खुशहाल जिंदगी का, जहां गम नाम का कोई चीज ना हो मैं बनू अपना बादशाह, मिलने का कोई रास्ता ना था, पर विश्वास मुझे था एक दिन सपना जरूर पूरा होगा। हालात कभी अच्छा हुआ नहीं तकलीफे पीछा छोड़ नहीं मैं भी था जीद्दी कोशिश करना कभी छोड़ा नहीं। अभी मुझे लगता है, बुरा समय जाने वाला है मेरा सपना पूरा होने वाला है। तलाश मैंने कितना किया, सिर्फ मैं जानू वह सपनोंका राहको आज मुझे लगता है मुझे मिलगए वह। पढ़िए अगला कविता (समय) पढ़िए पिछला कविता (क्या खुदा है)