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महनत का फल - एक शायरी। Result Of Work - A Shayeri

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महनत का फल  हर एक दिन का कीमत मिलेगा तुझे  बस काम करते जा, हर एक दिन का कीमत मिलेगा तुझे  बस काम करते जा, मंजिल कितना भी दूर क्यों ना हो  तेरा कर्म तेरा हौसला, तुझे बहा ले जाएगा। परिये अगले शायरी परिये पिछले शायरी My Utube Channel My Facebook Page Twitter   Explurger LinkedIn Pinterest   Instagram  

জীবন শিক্ষা - একটি কবিতা। Learning The Reality- A Poem

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 জীবন শিক্ষা থামালাম পড়া  বাকি অনেক পথ চলা, শিক্ষা তাই দরকার  জীবনের পথ চলার! জীবিকার পথে ছুটতে গিয়ে  বাস্তব জীবন থেকে ছিলাম সরে,  শিক্ষা তাই ছিল অসম্পূর্ণ  এবার তা হবে পূর্ণ! বই-খাতে তো অনেক হলো  রুজির পেছনে আর কত!  জীবনে কিভাবে চলতে হবে  এবার তো তা শিখতে হবে! পুঁথিগত বিদ্যা যে যথেষ্ট নয়  বাস্তবে তার গুরুত্ব কোথায়!  বাস্তব যে বড়োই নিষ্ঠুর  সমাজের অভাব নেই শত্রুর,  পা ফেললেই বুঝতে পারবে  সব বসে আছে, ঘা মেরে  তাদের সাথে জুঝতে হলে, বাস্তবতা যে বুঝতে হবে! পরুন পরবর্তী কবিতা (স্মৃতি) পরুন পূর্ববর্তী কবিতা (হতে কি চলেছে) My Utube Channel My Facebook Page Twitter   Explurger LinkedIn Pinterest   Instagram  

कैसी आजादी - एक कविता। What Freedom - A Poem

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कैसी आजादी खाया मार, छोरा चैन  गया जेल, दिया जान,  सहा बहुत अत्याचार,  पूरा देश में छाया हुआ था अंधकार  क्यों, वह सोचते थे आजादी हमारे लिए? क्या सब, जो करें कर सकते थे, ताकि आजादी हमें मिले? पर आज सोचता हूं मैं  कैसी आजादी वह चाहते थे? लूटमार वाली, भ्रष्टाचार वाली, दुर्बलों का शासन करने वाली! कैसी आजादी वह चाहते थे? यहां देश चलाने वालों की कोई नीति नहीं, देशवासी के भलाई का कोई सोच नहीं,  अपने में सब मौज रहे, हैं देश को हर पल खोखले करते रहे,  कैसे आजादी बहुत चाहते थे? अगर बड़ा सो चाहत के बिना  बड़ा त्याग नहीं होता,  तो, आज यह आजादी हाम देख रहे हैं  इससे उनका चाहत नहीं हो सकता! क्या आपको नहीं लगता? जो अभी देश चला रहे हैं  उसका ए हक नहीं? देश को लूटने वाले  इंसान तो छोड़ो,  जानवर कहलाने के भी लायक नहीं! तो डर छोड़ो, अब बोलो  बहुत हो गया, अब छोड़ो! चाहिए हमें वह आजादी  जिससे खुशहाल हो देशवासी के जिंदगी!                                 ...

One Step - A Short Story

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 One Step                  This story is about a family that lived in a semi-urban village. It was semi-urban as the two gardens that were on the two sides of the village were missing to satisfy the increasing greed and demand of the people. The selfless service of the people had in turned into selfish service. The head of the family was Jatin. Obli was his wife; Mira, Tara and Rakhal were his children. It was a hand to mouth family but they were happy.             Jatin was a mason. Obli was a farm-labourer. Mira had completed her primary school education and then stopped. Tara and Rakhal were reading in the village primary School. The name of their village was Triptipur, which was totally opposite to the condition of the people. No one was satisfied in the village like a traditional village. Like a traditional village, it practised patriarchy. This was also the main reason of their poverty. Every family wa...

महन्त से सफलता - एक शायरी। Success With Work - A Shayeri

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  ढूंढते रहो, मिलेगा जरूर  राह आगे बढ़ने का, ढूंढते रहो, मिलेगा जरूर  राह आगे बढ़ने का,  मेहनत का कीमत ही क्या होता, अगर ऐसे ही सब मिल जाता। परिये अगले शायरी परिये पिछले शायरी  My Utube Channel My Facebook Page Twitter   Explurger LinkedIn Pinterest   Instagram  

হতে কি চলেছে - একটি কবিতা। Is It Going To Begin - A Poem

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 হতে কি চলেছে হতে কি চলেছে, তবে!  হতে কি চলেছে, শুরু!  নতুনভাবে নতুন পথে  নতুনকে নিয়ে সাথে  নতুন গন্তব্যের উদ্দেশ্যে গমণ! কত আশা আছে বুকে  কত উন্মাদনা উঁকি দিচ্ছে,  কত কিছু মাথায় ঘুরছে,  চাইছে তারা প্রকাশ পেতে  নিজেদেরকে মেলে ধরতে!  প্রতীক্ষা তাদের অনেক দিনের  দেখা মিলবে কবে, সেই সুদিনের  যবে হবে শুরু, নতুন জীবনের! আর নয়, আর নয়  দিন হয়ে এসেছে শেষ,  ঘোর কালো মেঘ  গেছে সরে,  ভোরের আলোর প্রভা  দিয়েছে দেখা!  আর কিছুক্ষণ পরেই ছড়িয়ে পড়বে  নতুন জীবনের ডঙ্কা! পরুন পরবর্তী কবিতা (জীবন শিক্ষা) পরুন পূর্ববর্তী কবিতা (বেসামাল) My Utube Channel My Facebook Page Twitter   Explurger LinkedIn Pinterest   Instagram  

Mental Fear - A Short Story

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 Mental Fear  "What will you do if they excommunicate you? What will you do if they do not come to your house in any problem?"-  these all questions always used to trouble Akram, a student of class XI. Yes, these are the questions which always bother a boy in any village of India when his parents do not build social relationship. This was true to Akram. His father, Isar, was an agricultural labourer and his mother, Nisha, was a housewife. After work, Isar used to work in his small kitchen garden. He did not go outside to have a talk with others. Nisha always remained in the house.                 Akram was a good student. Though he was not among the top 5th students, yet he was good at study. His teachers liked him for his dedication to study and humble character. His soul focus always remained his education.He did not waste his time playing with other boys. Infact, he did not have any friend at all. Suddenly he got afraid of social...