Posts

Showing posts with the label Hindi Poetry

सवाल - एक कविता। Question - A Poem

Image
 सवाल  क्या खुदा है ? अच्छे और बुरे कर्म का फैसला  वह क्या सचमुच करता है? बुरे कर्म का नतीजा कौन भुक्ता है ? करने वाले या सहने वाले? अच्छे काम का फल क्या होता है ? दुनिया कौन चलाता है? चारों ओर लटमारी  दुर्बल जिए तो कैसे? कौन देगा उन्हें सजा? क्या सजा हो सकता है इन सब का?  आखिर विश्व का क्या होगा? मैं कौन सा राह चुनु,  अच्छा या बुरा?  अभी तो बुराई अच्छा कहलाता है।  पैसे को दम पर।  तो वुरा काम और अच्छे काम में  क्या कोई अंतर नहीं है? और कितना दिन,  हमें सहना पड़ेगा?  अब सहन नहीं होता। कैसे करूं खुदापर भरोसा?  अभी तो अच्छे इंसान का,  कोई कदर नहीं, और बुरा काम करने वालों का  अच्छे से कट रहा है जिंदगी! एइसे बहुत सवाल  आज हर किसी के मन में है पूछु तो किस से, जवाब देगा कौन? पढ़िए अगला कविता  पढ़िए पिछला कविता(तलाश)

तलाश - एक कविता | Search - A Poem

Image
तलाश  दिल चाहता है कुछ बड़ा करु,  कुछ ऐसा,  जो मुझे इतना खुशी दे,  जिसके आगे काम पर जाए  पिछले सब साल गाम का! तलाश जारी है मेरा,  कभी ना कभी तो जरूर मिलेगा  बह राह,  जो ले जाएगा मुझे वह मंजिल तक  जिसके लिए मैं भटक रहा हूं अब तक ! इतिहास गवाह है,  ढूंढने से मंजिल तो क्या  खुदा भी मिल जाता है।  एक दिन मुझे भी मिलेगा वह रास्ता,  मेरा भी बनेगा एक महल खुशियों का! यह विश्वास ही तो है  जो मुझे सहने का ताकत देता है,  कहता है मुझे,  किसी पर नहीं खुद पर विश्वास रख  जरूर मिलेगा तुझे हर सुख! परिये अगले कविता (सवाल) परिये पिछले कविता(सहनशक्ति) ---------------------------------***---------------------

सहनशक्ति - एक कविता। Endurance - A Poem

Image
 सहनशक्ति कभी सोचाना तुझे यह मिलेगा,  अच्छेपन का ऐसा कीमत देना पड़ेगा, जिंदगी होगा नरक जैसा  पर सब कुछ तुझे सहना पड़ेगा  टुटता है तो वह लोग  जिनका क्या काबिलियत नहीं होता! तु अलग है, टुट मत  जारी रख तेरा मेहनत। यह दुनिया अलग है  क्योंकि, इसे इंसान ने बनाया है,  यहां पैसा ही सब कुछ है  पैसा के पिछे ही सब दौड़ते हैं  इंसानियत का कोई कीमत नहीं  भगवान भी यहां घूस लेता है!  तू गलत समय पर धरती पर आया  जानवरों को बीच इंसान बना,  तेरा कीमत वह क्या समझेगा  उन्हें तो सिर्फ चाहिए पैसा! सब कहता है समय के साथ चल  पर, मैं कहता हूं इंसानियत लेकर चल,  भले जमाना तेरा बुड़ा करें  रास्ता तेरा हो कांटे से भरे,  पर मिलेगा तुझे सुकून  जो नसीब नहीं होता है उन सबको,  जो बन ना सके इंसान।                                         Sushanto Basak   परिये अगले कविता(तलाश) परिये पिछले कविता ( कैसी आजादी) My Utube Channel My Facebook Page Twitter   Explurger LinkedIn Pinterest   Instagram  

कैसी आजादी - एक कविता। What Freedom - A Poem

Image
कैसी आजादी खाया मार, छोरा चैन  गया जेल, दिया जान,  सहा बहुत अत्याचार,  पूरा देश में छाया हुआ था अंधकार  क्यों, वह सोचते थे आजादी हमारे लिए? क्या सब, जो करें कर सकते थे, ताकि आजादी हमें मिले? पर आज सोचता हूं मैं  कैसी आजादी वह चाहते थे? लूटमार वाली, भ्रष्टाचार वाली, दुर्बलों का शासन करने वाली! कैसी आजादी वह चाहते थे? यहां देश चलाने वालों की कोई नीति नहीं, देशवासी के भलाई का कोई सोच नहीं,  अपने में सब मौज रहे, हैं देश को हर पल खोखले करते रहे,  कैसे आजादी बहुत चाहते थे? अगर बड़ा सो चाहत के बिना  बड़ा त्याग नहीं होता,  तो, आज यह आजादी हाम देख रहे हैं  इससे उनका चाहत नहीं हो सकता! क्या आपको नहीं लगता? जो अभी देश चला रहे हैं  उसका ए हक नहीं? देश को लूटने वाले  इंसान तो छोड़ो,  जानवर कहलाने के भी लायक नहीं! तो डर छोड़ो, अब बोलो  बहुत हो गया, अब छोड़ो! चाहिए हमें वह आजादी  जिससे खुशहाल हो देशवासी के जिंदगी!                                        Sushanto Basak परिये अगले कविता ( सहनशक्ति) परिये पिछले कविता (नया साल) My Utube Channel My Facebook Page Twitter   Explurger LinkedIn Pinterest   Ins

नया साल - Happy New Year

Image
नया साल चारों और कुछ बदलाव है, मानो जैसा कुछ गजब का बात है,  बैंड- बाजा, शोर- शराबा  पटकाभी फोड़ डाला!  खुशी का एक चादर फैला है  क्योंकि नया साल आया है! पाल है यह खुशी से भरा,  मौज- मस्ती चारों ओर चल रहा , जो शामिल है, वह तो खुश है  पर जो शामिल नहीं, वह ज्यादा खुश है। पर चौकाने वाला बात तो यह है  जो नहीं समझता, यह सब क्यों  वह भी खुश है।  हां भाई सब खुश है,  इस नए साल में कुछ तो बात है! हर दिल में है चाह, हर दिल में है विश्वास  अब आएगा वह पाल  मिलेगा वह खुशी  जो था मेरा ख्वाब, अब बदलेगा मेरा जिंदगी!                                      Sushanto Basak  परिये अगले कविता(कैसी आजादी) परिये पिछले कविता(बच्चे) My Utube Channel My Facebook Page Twitter   Explurger LinkedIn Pinterest   Instagram  

बच्चे - एक कविता। Child - A Poem

Image
 बच्चे मैंने सुनाथा, बच्चे  अकलसे नासमझ होता है,  तो वह जानबूझकर इतना  शैतानी कैसे करते हैं!  दिमाग मत लगाओ यारों  शर घूम जाएगा,  एक बच्चेके साथ एक दिन खेल लो  सब समझ आजाएगा! वह दिलका सच जरूर होता है  मगर शैतानिमें सबको पीछे छोड़ता है, मगर अंतर है उसका और हमारा बदमाशी में, उन सबका देता है खुशियां  हमारा लाता है गम, इसलिए तो कहताहूं यारों  यह बच्चे किसीसे नहीं होता कम! एनर्जी का पावर हाउस  सोचमें उस्ताद, मन अगर बनाले किसी चीजका देना जरुर तुम्हें पड़ेगा, वरना.. दिला देगा तुम्हारे नानी याद! समझो मत उन्हें कम,   हो सकता है वह छोटे  एक दिन वही बनेगा  इस जग में राज करने वाले! ख्याल रखो उसका अच्छे से  सच्चा इंसान बनाओ,  वही है हमारा आने वाला कल  अपना कर्तव्य तुम जरूर करो! परिये अगले कविता (कैसे आजादी) परिये पिछले कविता (विमारी) My Utube Channel My Facebook Page Twitter   Explurger LinkedIn Pinterest   Instagram  

बीमारी - एक कविता। Disease - A Poem

Image
  बीमारी सब लोग हैं परेशान  हर घर में है इसका निशान,  दवाखाना, हस्पाताल अगर हो कर आओ  तो पता चलेगा,  यह नहीं होने देता है जिंदगी आसान।  सुस्त इंसान रहे कैसे,  कुछ भी तो नहीं मिलता आज  जिसे कह सकू अच्छे।  खाने का हर चीज  आज है जहर से भरा,  क्या खाओगे तुम?  ना खाके रहोगे कैसे तुम?  खानेसे होता है बीमारी  नहीं खाओगे तो मरोगी भुखमरी! शुभे उठने से लेकर  रात को सोने जाने तक,  यहां की उसके बाद भी  हम सब तकनीकी चीज से गिरे है,   जो हमें थोड़ीसी राहत देता है मगर  करता है कम हमारा उमर।  लता है एक से बढ़कर एक बीमारी  जो करता है दर्दनाक जिंदगी हमारी। परिये अगले कविता (बच्चे) परिये पिछले कविता (पूजा) My Utube Channel My Facebook Page Twitter   Explurger LinkedIn Pinterest   Instagram  

पूजा - एक कविता। Offering - A Poem

Image
 पूजा कर्म ही धर्म है, धर्म एक कर्म  पर दूसरोंको दुख देने वाले काम  ना कर्म , ना धर्म।  सव ए जानताहै,  बताओगे तुम किसे, ए गजबका समय है यारों  सब लगेहैं पैसे का खेल में। पैसा चाहिए ज्यादा, और ज्यादा! पैसा काम कैसे हो, नहीं परवाह, राजी है सब करने में  सिर्फ बताओ पयसा कितना मिलेंगे,  यही है दिल का वात सवका  क्या फर्क परता,  अगर पैसेके लिए हो बुरा किसीका! जब सोचना चाहिए, तब सोचेंगे नहीं   बादमें पछताना पड़े तो भी सही,  अकलके मारे नहीं, अकल है  पर पैसेके चाहत में धीरे हुए हैं  जब आते हैं प्रायश्चित का समय  कितना कुछ करतेहे, पूजा करतेहे, मन्नत मांगतेहे पर काम किसीसे भी नहीं होता  क्योंकि,  बुड़ा काम का अंजाम भुगतना पड़ताहे। परिये अगले कविता (विमारी) परिये पिछले कविता (रास्ता)

रास्ता - एक कविता। Way - A Poem

Image
 रास्ता ढूंढने से जरूर मिलता वह रास्ता सही  मैं तो निकल पड़ाथा ढूंढने उसे, कभी  ना जाने मिलेगा वह कब  होगा पूरा कब मेरा ख्वाब,  बन पाऊंगा क्या मैं कभी  इस जन्म मैं पाऊंगा क्या बह जिंदगी? आशा तो है बनुंगा जरूर  कुछ ना कुछ तो मैं करूंगा जरूर  साथमें जब खुदा है,  रास्ता तो मुझे मिलना ही है।  कर्म पर विश्वास है, किस्मत में नहीं  कुछ ना कुछ मैं जरूर करूंगा  शांत रहूंगा मैं नहीं।  कर्म का फल सबको मिलता है  मुझे मिलेगा क्यों नहीं। मिलेगा एक दिन वह रास्ता  उठेगा एक दिन जरूर वह सूरज  खिलेगा एक दिन वह फूल  जब मुझे वह सब मिलेगा  जो है ख्वाब आज। परिये अगले कविता (पूजा) परिये पिछले कविता (बिजली)

बिजली- एक कविता। Electricity - A Poem

Image
 बिजली दिखती नहीं पर होती है  वहुत जगाह एक साथ जाती है  करती कुछ नहीं पर,  बहुत कुछ करने के लिए सहायता करती है  जाने से मायूसी छा जाते हैं। आज दुनिया चल नहीं सकता  इसके बिन,  खुशियां जैसे घूम ही हो जाता है  इसके बिन, रातमें कुछ दिखता नहीं  इसके बिन,  टेक्नोलॉजी कुछ काम की नहीं  इसके बिन। उनसे पूछो जिसको कोई प्रिंट करना है  और ए नहीं रहता, उनसे पूछो जिसका मोबाइल चार्ज करना है  और यह नहीं रहता,  उनसे पूछो जिसको मशीन का कुछ काम है  और यह नहीं रहता,  वह सब बताएगा तुम्हें इसका नाम,  मैं मुहावरा बताया,  ढूंढना अब तुम्हारा काम! परिये अगले कविता (रास्ता) परिये पिछले कविता (बदलता जिंदगी)

बदलता जिंदगी - एक कविता। Changing Life - A Poem

Image
बदलता जिंदगी सोचलिया बहुत अब काम करना है  जो मौकाम सोचाथा वह हासिल करना है, इतने सालमें जो सीखा  बह सबका सिखाना है, ताकि दूसरों के भी भलाहो‌ मेरे साथमे। परेशानी सबका है, सब इससे जूझ रहेहैं  निकलना चाहता है सब, पर रास्ता नहीं दिख रहेहैं, आए आप सीखे, कुछ सहलाले अपनोसे ताकि तकलीफे दूर हो, जिंदगी होजाए अच्छे। सहेलियां अब बहुत  और नहीं सहना,  थोड़ा खुदको बेहतर बनानेके लिए खर्च करे  क्योंकि अब मौकामहै हासिल करना। इतने दिन कैसे जिये, सिर्फ मुझे पता  अब मैं लिखूंगा मेरे नसीब जैसे मैं चाहता,  इस बदलनेकी दौड़ में आए जितना कठिनाई  तोड़ सकेंगा ना मुझे, झुका सकेगा ना मुझे  क्योंकि बदलना है मुझे अपना जिंदगी परिये अगले कविता (विजली) परिये पिछले कविता (राजनीति)

राजनीति - कविता। Politics - Poem

Image
 राजनीति निकला सव लेके सपथ करने सुधार देश, करेंगें सव काम साथ साथ ताकि देशवासी रहे खुश। पर यव आये मैका टेश सुधारने का भुलगया सव वादा, पयसेका चाहमे डुवके, आपना जेव भरने लगा।  दिल में ना कयि सच्चाई, ना कयि नीति एहि सव लोग करते हे राजनीति। कहां है वह समय, वैसा नेता कहा हे, जो आपने चाह भुलाके, देशवासी के वारे में सोचतेथे। वहथा समय,  यव भरोसा करते थे टेशवासी, देश के भालाइका रास्ता है राजनीति। आज ना वैसा नेता हैं ना वैसी राजनीति, नेता सव लुटनेमे लगेंहे, दुर्नीति के दुसरे नाम हुया राजनीति। अच्छे इन्सानका कदर नहीं, भलाइका जमाना नहीं, आज जिनसवका दिल साफ नहीं,   राजनीति करतेहे वहीं। परिये अगले कविता (बदलता जिंदगी) परिये पिछले कविता (बातें)

बातें - कविता। Conversation - A Poem

Image
 बातें जिंदगीने पूछा मुझे,  बोल तुझे क्या चाहिए!  मैंने बोला,  थोड़ा सुकून, थोड़ा चैन, थोड़ा खुशी, सुनकर जिंदगीने बोला, जन्मेहो इंसान बनकर,  खुदा बाला चाहत नाख, संसार दुखसे घिरा हुआहै  मिलेगा तुम्हें कहांसे सुख!  मैंने बोला, खुदा आगर हमारा पालनहार है  तो, सबका ख्याल रखना  उसका करतव्य है,  हमें वह अगर सुख ना दे सकता  तो, सुख उसे कैसे नसीब हो रहे हैं? इसे सुनकर जिंदगी बोला,  यही तो अंतर है इंसान और खुदामें, वह खुदा है इसलिए खुश नहीं है, वह खुश है इसलिए वह खुदा कहलाता है! परिये अगले कविता (राजनीति) परिये पिछले कविता (फुटबॉल)

फुटबॉल - एक कविता। Football - A Poem

Image
 फुटबॉल खेलतो बहुत सारा है  पर, तुम्हारा जैसा कोई नहीं  खेलनातो सब जानते हैं  पर, जिसमें हिम्मत और बुद्धि है  फुटबॉलमे जीत्ताहै वही! तुमतो हो खेलोंके सान  जितना वक्त चलतेहो  सिर्फ खिलाड़ियोंको नहीं  देखनेवालोंकोभी खेल सिखातेहो!  सबके अंदर ज्बालातेहो आंग, हिम्मतका  और, आखरीमें समझातेहो,  यह खेल नहीं डरने वालोंका। हिम्मत एक आकरा है  तो, कौशल दूसरा,  इसके साथ अगर गति मिल जाए  तो, उसका कोई कर ना सके मुकाबला! फुटबॉलमें मजाही कुछ और है  क्योंकि, असली खिलाड़ी रहताहै  मैदान के बाहरमें!  खिलाड़ी तो सिर्फ मोहरा है  उन्हें अंजाम देता होताहै!  दिमाग तो बाहर चलताहै, उसे पताहै कब, क्या करनाहै!  यह मेलबंधन दिमाग और हिम्मतका यहीतो मजाहै, फुटबॉल खेलने और देखनेका!  परिये अगले कविता (बातें) परिये पिछले कविता (हल)

हल - हिंदी कविता। Solution - A Hindi Poem

Image
हल एक कहावत है  मेहनतका फल और समस्या का हल  देर सही पर मिलता जरूर है वह, धीरज रखना है! समय कभी एक जैसा नहीं होता  समस्या कितनाभी जटिल हो एकदिन हल जरूर निकलता! जिंदगी खुशियों भरा नहीं होता  होनाभी नहीं चाहिए  अगर नहीं होगा समस्यासे मुकाबला  तो आगे कैसे वरोगे? कठिनाई आती है जीना सिखाने, तुम्हें सिर्फ धीरजसे काम करनाहै  हौसला कभी ना हारो  और, हल्का तलाश जारी रखो! कहतेहैं ढूंढनेसे भगवानभी मिलताहै  तो, हल क्यों नहीं मिलेगा? दिल से काम करते जाओ  तलाशभी जारी रखो,  वह समय जरूर आएगा,  तुम्हारा समस्याका हल जरूर मिलेगा! परिये अगले कविता (फुटबॉल) परिये पिछले कविता (रुपिया)

रुपिया - एक कविता। Money - A Poem

Image
 रुपिया रोटी, कपड़ा और मकान  जिनेके लिए चाहिए यह तिन,  पर इंसानको और चाहिए  इसके लिए, वह  कुछभी करने के लिए तैयार है! आदर्श, नीति यह तो पुरानी बात अभी तो सबकुछ बिकता है  सिर्फ देने पड़ेगा अच्छा कीमत, रुपया है, तो मिलेगा सव!  कहांसे आया रुपया,  कोई नहीं मांगेगा हिसाब!  व्यापारियों का दुनिया है, हर कोई व्यापार में लगा हुआ है  कोई खरीदते, तो कोई वेजते है,  पर, मुनाफा सबको चाहिए! एक कहावत है  समय के साथ चलना चाहिए  अब सोचके देखो,  अगर सब कोई रुपयाके पीछे भागनेलगे  तो नतीजा क्या होगा,  देश आगे बढ़ेगा? परिये अगले कविता (हल) परिये पिछले कविता (संदेश )

संदेश। A Poem on News

Image
  संदेश   तेरे बारेमें कहना क्या कहना क्या कामहै तेरा जाकर बोलना  कुछ हुआहै या होने वालाहै  अच्छा या बुरा  किसीके जिंदगी में! पर, दूसरा और एक संदेश है जो ना औच्छा, ना बुरा होता है,  जिसका काम है सिर्फ आतंक फैलाना  पर बादमें बहुत खुशी देताहै! पहले मानसिक दबाव बराताहै  यह देखनेकेलिए,  कि तुम कितना काबिलहो,  झेलने उतर-चढ़ाव इस जिंदगीमें! भेजनेवालेकाभी मकसद एक नहीं, कुछ अच्छे, तो कुछ बोलाभी नहीं  वह देखतेहैं तुम असली या नकली! तुम्हें सिर्फ सतर्क रहनाहै  काम करनाहै वरतके सावधानी! परिये अगले कविता (रुपिया) परिये पिछले कविता (बीमारी)

बीमारी।A Poem on Illness

Image
  बीमारी यहतो सब को होता है  पर जो बोल सकता है उससे,  जो नहीं बोल सकता उसका,  तकलीफ ज्यादा होता है! आओ अब डॉक्टर के बारे में बले,  अगर दिलका सच्चा निकला, तो ठीक है  वरना समझलो यारों  बुरा हाल तुम्हारा होना है! पर, आजभी ईमानदार डॉक्टर बहुत है,  एतो कुछ इंसानों के नाम पर हैवान है जो सबको बदनाम कर रहे हैं! अब चलो दवा के बारे में बताये,  कंपनी कम नहीं इस देश में एक से बढ़कर एक- दावाके दाम भी है,  जिसका भाऊ ज्यादा, वह सबसे अच्छा कहलाता है! यह तो हुआ आजका हाल  पर, जान लो एक बात  अच्छे दवा और डॉक्टर अजभी है, वही तो दिखाया दिसा एस कोविड-19 में  बीमार जैसेभी हो -बोलने वाला या नहीं  वहतो तैयार है देने जिंदगी! परिये अगले कविता (संदेश) परिये पिछले कविता (भागदौड़)

भागदौड़ - A Poem on Busy Life

Image
 भागदौड़ कामवालोंको समय नहीं मिलता, कुछ ना करो तो समय नहीं गुजरता,  यह तुम्हें तय करना है  काम करके जीना है  या कुछ ना करके बादमें पछताना है। जिंदगी अमूल्य है  ऐसे बर्बाद मत करो, काम करो यारों, जिंदगी बर्बाद मत करो!  जितना काम में व्यस्त रहोगे  समय तेजी से गुजरेगा,  जिंदगी भागदौड़ वाली होगी जरुर,  पर खुशी रहेगा जिंदगी में   क्योंकि,  मेहनत करने वालों पर खुदाका हाथ रहता है! अब सोचनाहे तुम्हें, करोगे क्या जिंदगीमें,  काम करके खुश रहोगे  या, ऐसे ही खुद को बर्बाद करोगे! परिये अगले कविता (बीमारी) परिये पिछले कविता (सलाह)

सलाह पर कविता। A Poem on Advice

Image
  सलाह आज एक सलाह दूंगा तुम्हें  तलाश करना छोड़ दो अच्छे, सच्चे भरोसेमंदको,  किताबकोहि दोस्त बनाओ  जिंदगीमें खुशी मिलेगा और देशके कामभी आओगे। धोखाना खाओगे कभी  खुशहाल बनेगा जिंदगी।  मिलेगा तुम्हें वह सब  जो है तेरा गांव  बस पढ़ना है तुम्हें किताब। कुछ सचताहोगा, परके करूं क्या  मेरा पढ़ाईतो कबका छूट गया  उनसे कहूंगा, दोस्त......  सीखनेका कोई उम्र नहीं होता,  ज्ञानका कोई सीमा नहीं होता,  अविभी समय है, चालु करदो पढ़ाई। धीरे-धीरे तुम्हारे ज्ञान बढ़ेगा  बहुत कुछ जान पाओगे  फिर मिलेगा तुम्हें रास्ता,  जो इतना दिन तुम्हें नहीं दिखा!  नाज होगा तुमपे सबका एकदिन  अगर सुनोगे बात मेरा, आजके दिन! परिये अगले कविता (भागदौड़) परिये पिछले कविता (विश्बास)