दर्दनाक दर्द - एक शायरी। Extreme Pain - A Shayari
हूं तैयार में सहने हर दर्द
नहीं चाहिए अब मुझे किसी के मदद,
हूं तैयार में सहने हर दर्द
नहीं चाहिए अब मुझे किसी के मदद,
यह मेरा खुद का इम्तिहान है
हर हाल में मुझे खड़ा उतरना है।
पढ़िए अगला शायरी
हूं तैयार में सहने हर दर्द
नहीं चाहिए अब मुझे किसी के मदद,
हूं तैयार में सहने हर दर्द
नहीं चाहिए अब मुझे किसी के मदद,
यह मेरा खुद का इम्तिहान है
हर हाल में मुझे खड़ा उतरना है।
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