क्या खुदा है - एक कविता। Is There God
क्या खुदा है
हर वक्त में पूछता हूं मुझे,
क्या खुदा है?
ढूंढता हूं मैं इसका जवाब
दिल और दिमाग से,
दिल कहता है खुदा है
दिमाग कहता है नहीं,
पर असली जवाब क्या है
अभी तक मुझे मिला नहीं !
कहता है कर भला तो होगा भला,
काम करते जाओ, फल जरुर मिलेगा।
ऊपर खुदा है, वह सब देखता है।
पर मुझे लगता नहीं!
चारों ओर अफरा-तफरी,
घर में भी कोई चैन नहीं,
कैसे यकीन अब करु में
अब लगता है मुझे,
खुद नाम का कोई चीज ही नहीं।
कोशिश किया था हर वक्त अच्छा करने का
अगर खुदा है,
तो वह क्या नहीं देखा था?
आज मेरा हाल ऐसा है
जो मैं कभी सोचा नहीं था,
इसलिए आज मेरा सवाल,
क्या खुदा है?
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