तलाश - एक कविता | Search - A Poem
तलाश
दिल चाहता है कुछ बड़ा करु,
कुछ ऐसा,
जो मुझे इतना खुशी दे,
जिसके आगे काम पर जाए
पिछले सब साल गाम का!
तलाश जारी है मेरा,
कभी ना कभी तो जरूर मिलेगा
बह राह,
जो ले जाएगा मुझे वह मंजिल तक
जिसके लिए मैं भटक रहा हूं अब तक !
इतिहास गवाह है,
ढूंढने से मंजिल तो क्या
खुदा भी मिल जाता है।
एक दिन मुझे भी मिलेगा वह रास्ता,
मेरा भी बनेगा एक महल खुशियों का!
यह विश्वास ही तो है
जो मुझे सहने का ताकत देता है,
कहता है मुझे,
किसी पर नहीं खुद पर विश्वास रख
जरूर मिलेगा तुझे हर सुख!
परिये अगले कविता (सवाल)
परिये पिछले कविता(सहनशक्ति)
---------------------------------***---------------------
Comments
Post a Comment