सहनशक्ति - एक कविता। Endurance - A Poem
सहनशक्ति
कभी सोचाना तुझे यह मिलेगा,
अच्छेपन का ऐसा कीमत देना पड़ेगा,
जिंदगी होगा नरक जैसा
पर सब कुछ तुझे सहना पड़ेगा
टुटता है तो वह लोग
जिनका क्या काबिलियत नहीं होता!
तु अलग है, टुट मत
जारी रख तेरा मेहनत।
यह दुनिया अलग है
क्योंकि, इसे इंसान ने बनाया है,
यहां पैसा ही सब कुछ है
पैसा के पिछे ही सब दौड़ते हैं
इंसानियत का कोई कीमत नहीं
भगवान भी यहां घूस लेता है!
तू गलत समय पर धरती पर आया
जानवरों को बीच इंसान बना,
तेरा कीमत वह क्या समझेगा
उन्हें तो सिर्फ चाहिए पैसा!
सब कहता है समय के साथ चल
पर, मैं कहता हूं इंसानियत लेकर चल,
भले जमाना तेरा बुड़ा करें
रास्ता तेरा हो कांटे से भरे,
पर मिलेगा तुझे सुकून
जो नसीब नहीं होता है उन सबको,
जो बन ना सके इंसान।
Sushanto Basak
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