नया साल - Happy New Year

नया साल


नया साल - Happy New Year

चारों और कुछ बदलाव है,
मानो जैसा कुछ गजब का बात है, 
बैंड- बाजा, शोर- शराबा
 पटकाभी फोड़ डाला!
 खुशी का एक चादर फैला है
 क्योंकि नया साल आया है!

पाल है यह खुशी से भरा, 
मौज- मस्ती चारों ओर चल रहा ,
जो शामिल है, वह तो खुश है
 पर जो शामिल नहीं, वह ज्यादा खुश है।
पर चौकाने वाला बात तो यह है 
जो नहीं समझता, यह सब क्यों 
वह भी खुश है।
 हां भाई सब खुश है,
 इस नए साल में कुछ तो बात है!
हर दिल में है चाह, हर दिल में है विश्वास 
अब आएगा वह पाल 
मिलेगा वह खुशी 
जो था मेरा ख्वाब, अब बदलेगा मेरा जिंदगी!
                                     Sushanto Basak 


परिये अगले कविता(कैसी आजादी)
परिये पिछले कविता(बच्चे)

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