प्रकृति का बदला - एक शायरी। Nature's Vengeance - A Shayeri
आज न्यूटन स्यार मुझे इयाद आया
उसने कहा था,
"हर काम का सामान एवं विपरीत नतीजा होता है",
इंसान परा, पर माना नहीं
प्रकृति को लूटते रहे,
और अभी वह गर्मी वाहराके बदला ले रहाहे।
उसने कहा था,
"हर काम का सामान एवं विपरीत नतीजा होता है",
इंसान परा, पर माना नहीं
प्रकृति को लूटते रहे,
और अभी वह गर्मी वाहराके बदला ले रहाहे।
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