रास्ता - एक कविता। Way - A Poem
रास्ता
ढूंढने से जरूर मिलता वह रास्ता सही
मैं तो निकल पड़ाथा ढूंढने उसे, कभी
ना जाने मिलेगा वह कब
होगा पूरा कब मेरा ख्वाब,
बन पाऊंगा क्या मैं कभी
इस जन्म मैं पाऊंगा क्या बह जिंदगी?
आशा तो है बनुंगा जरूर
कुछ ना कुछ तो मैं करूंगा जरूर
साथमें जब खुदा है,
रास्ता तो मुझे मिलना ही है।
कर्म पर विश्वास है, किस्मत में नहीं
कुछ ना कुछ मैं जरूर करूंगा
शांत रहूंगा मैं नहीं।
कर्म का फल सबको मिलता है
मुझे मिलेगा क्यों नहीं।
मिलेगा एक दिन वह रास्ता
उठेगा एक दिन जरूर वह सूरज
खिलेगा एक दिन वह फूल
जब मुझे वह सब मिलेगा
जो है ख्वाब आज।
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