ऊंची सोच - एक शायरी। High Thinking - A Shayeri

ऊंची सोच - एक शायरी। High Thinking - A Shayeri

 

अंदर का शैतान आना चाहता है बाहर 

करने खात्मा जालिमों का,

अंदर का शैतान आना चाहता है बाहर 

करने खात्मा जालिमों का,

मैं भुला देता हूं हर बार ए कहके 

कुत्तों को मार कर तुझे क्या मिलेगा!


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