बदलता जिंदगी - एक कविता। Changing Life - A Poem
बदलता जिंदगी
सोचलिया बहुत अब काम करना है
जो मौकाम सोचाथा वह हासिल करना है,
इतने सालमें जो सीखा
बह सबका सिखाना है,
ताकि दूसरों के भी भलाहो मेरे साथमे।
परेशानी सबका है, सब इससे जूझ रहेहैं
निकलना चाहता है सब, पर रास्ता नहीं दिख रहेहैं,
आए आप सीखे, कुछ सहलाले अपनोसे
ताकि तकलीफे दूर हो, जिंदगी होजाए अच्छे।
सहेलियां अब बहुत
और नहीं सहना,
थोड़ा खुदको बेहतर बनानेके लिए खर्च करे
क्योंकि अब मौकामहै हासिल करना।
इतने दिन कैसे जिये, सिर्फ मुझे पता
अब मैं लिखूंगा मेरे नसीब जैसे मैं चाहता,
इस बदलनेकी दौड़ में आए जितना कठिनाई
तोड़ सकेंगा ना मुझे, झुका सकेगा ना मुझे
क्योंकि बदलना है मुझे अपना जिंदगी
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