बातें - कविता। Conversation - A Poem

 बातें


जिंदगीने पूछा मुझे,
 बोल तुझे क्या चाहिए!
 मैंने बोला,
 थोड़ा सुकून, थोड़ा चैन, थोड़ा खुशी,
सुनकर जिंदगीने बोला,
जन्मेहो इंसान बनकर,
 खुदा बाला चाहत नाख,
संसार दुखसे घिरा हुआहै 
मिलेगा तुम्हें कहांसे सुख!

बातें - कविता। Conversation - A Poem

 मैंने बोला, खुदा आगर हमारा पालनहार है
 तो, सबका ख्याल रखना
 उसका करतव्य है,
 हमें वह अगर सुख ना दे सकता
 तो, सुख उसे कैसे नसीब हो रहे हैं?
इसे सुनकर जिंदगी बोला,
 यही तो अंतर है इंसान और खुदामें,
वह खुदा है इसलिए खुश नहीं है,
वह खुश है इसलिए वह खुदा कहलाता है!

परिये अगले कविता (राजनीति)

परिये पिछले कविता (फुटबॉल)




Comments

Popular posts from this blog

ফেয়ারওয়েল কবিতা। Farewell - A Poem

ওয়াল ম্যাগাজিন - একটি কবিতা। Wall Magazine - A Poem

Think Big - A Short Story

Self Help - A Poem

नया शुरुआत - एक कविता। New Beginning - A Poem

Reality of Family - A Short Story

Childhood Lost - A Short Story