त्याग की शायरी। A Shayeri on Selfishness

त्याग की शायरी। A Shayeri on Selfishness


 हम सव हे अपनेमें सीमित 

अपनेपन से निकल कर तो देखो,

हम सव हे अपनेमें सीमित 

अपनेपन से निकल कर तो देखो,

मिलेगा तुम्हें बहुत सारा खुशियां

 एक बार कोशिश करके तो देखो।


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