किस्मत कविता| A Poem on Luck.
किस्मत
हर एक इंसान का डोर है ए किस्मत,
कोई माने या ना माने
इससे ही चलता है हर इंसान का वक्त।
कितनाभी कोशिश करले कोई
इसे ना बदल सक्ता,
किस्मत में लिखा है जो
वो तो होके रहेगा।
जिंदगी अगर सागर है
किस्मत है उसका पानी,
इस किस्मत से ही लिखा जाए जाता है
धरती का हर एक इंसान की कहानी।
कभी खुशी कभी गम, यह सब तो है दो चैप्टर,
हर इंसान का किस्मत बनता है यह दो साथ मिलकर।
किस्मत से कोई बाहर नहीं जा सकता,
नहीं इसे कोई मिटा सकता!
पर अगर कोशिश करें तो हर इंसान
किस्मत को अच्छा कर सकता!
इसलिए कोशिश करना मत छोड़ो,
जब तक है जान,
तुम्हारे कोशिश ही तुम्हें एक दिन
बनाएगा तुम्हे महान।
परिये पिछले कविता (दिल का दर्द)
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