राजनीति को लेकर सायरी। A Sayeri on Politics

 

राजनीति को लेकर सायरी। A Sayeri on Politics

राजनीति लोभियों के शहर है इयारो

एहा कयि किसिका दोस्त नहि होता,

राजनीति लोभियों के शहर है इयारो

एहा कयि किसिका दोस्त नहि होता,

अपने फायदे सव ढुन्डतेहे

यहां वादा रखने का कयि चाह नहि होता।


परिये अगले शायरी

परिये पिछले शायरी




Comments

Popular posts from this blog

ফেয়ারওয়েল কবিতা। Farewell - A Poem

ওয়াল ম্যাগাজিন - একটি কবিতা। Wall Magazine - A Poem

Childhood Lost - A Short Story

Think Big - A Short Story

নিয়ম - একটি কবিতা। Rule - A Poem

दर्दनाक दर्द - एक शायरी। Extreme Pain - A Shayari

ধান গাছ - একটি কবিতা। Paddy Crop - A Poem