सलाह पर कविता। A Poem on Advice

 सलाह


आज एक सलाह दूंगा तुम्हें

 तलाश करना छोड़ दो अच्छे, सच्चे भरोसेमंदको,

 किताबकोहि दोस्त बनाओ 

जिंदगीमें खुशी मिलेगा और देशके कामभी आओगे।

धोखाना खाओगे कभी 

खुशहाल बनेगा जिंदगी।

 मिलेगा तुम्हें वह सब

 जो है तेरा गांव

 बस पढ़ना है तुम्हें किताब।

सलाह पर कविता। A Poem on Advice


कुछ सचताहोगा, परके करूं क्या

 मेरा पढ़ाईतो कबका छूट गया

 उनसे कहूंगा, दोस्त......

 सीखनेका कोई उम्र नहीं होता,

 ज्ञानका कोई सीमा नहीं होता,

 अविभी समय है, चालु करदो पढ़ाई।


धीरे-धीरे तुम्हारे ज्ञान बढ़ेगा

 बहुत कुछ जान पाओगे

 फिर मिलेगा तुम्हें रास्ता,

 जो इतना दिन तुम्हें नहीं दिखा!

 नाज होगा तुमपे सबका एकदिन

 अगर सुनोगे बात मेरा, आजके दिन!


परिये अगले कविता (भागदौड़)

परिये पिछले कविता (विश्बास)




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