मंगल गीत कविता| A Poem in Praise of Teachers.

मंगल गीत

उन लोगों के बारे में क्या कहना,

वह तो है देश का गेहना,

 उनके बारे में कभी भी बुरा मत सोचना,

 क्योंकि वह हमेशा चाहता है, तुम लोगों को सच्चा राह दिखाना।

मंगल गीत कविता| A Poem in Praise of Teachers.


वह तो है अंधेरे में रोशनी जैसी,

 वह दिखाया दिशा दिया जिंदगी,

उन्हें, जो चलते-चलते भटक गया था या भटक गई थी।

 ऐसा लोग धरती में बहुत कम मिलता है,

तुम किस्मत वाले हो,

 तुम किस्मत वाले हो,

 वह तुम्हें मिला है तुम्हें मिला है।


पूरा साल बह तुम्हारे बारे में सोचता,

 करना चाहता है वह भलाई तुम्हारा पढ़ाई का,

 मांग लो जितना सहायता मिलेगा तुम लोगों को,

 यही विनती है ए खुदा,

 हमेशा खुश रखना उन लोगों को!


परिये अगले कविता (दिलका दर्द)












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